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શનિવાર, 16 ડિસેમ્બર, 2023

कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा का इतिहास

 कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा का इतिहास:


मथुरा, भारतीय सांस्कृतिक एवं धार्मिक इतिहास की धारा में एक प्रमुख स्थान है जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है। श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं, और मथुरा उनके बाल्यकाल का महत्वपूर्ण स्थान है जहां उनका जन्म हुआ था।


इस स्थान का इतिहास पुरातात्विक सदीयों से जुड़ा हुआ है और इसे महाभारत काल से ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मथुरा का उल्लेख वेदों में भी मिलता है और यह कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में प्रमुख हो गया है।


मथुरा का इतिहास मुख्य रूप से हिन्दू धर्म के ग्रंथों, कथाओं, और पुराणों में प्रकट होता है। भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा के बसाई गई राजा वसुदेव और रानी देवकी के घर में हुआ था। इस समय, मथुरा का राजा कंस था, जो देवकी के पुत्र कृष्ण द्वारा अपने वध का भय प्राप्त करने का भय पाकर उसका हत्या करने का प्रयास करता है। इसके परंतु, भगवान कृष्ण के बाल्यकाल में कई लीलाएं और चमत्कार होते हैं जो उन्हें अद्वितीय बनाती हैं।


भगवान कृष्ण के जन्मस्थल का प्रमुख दर्शनीय स्थल है श्रीकृष्ण जन्मस्थल, जो एक पवित्र मंदिर के रूप में माना जाता है। यह मंदिर मथुरा के एक सुरक्षित क्षेत्र में स्थित है और पूरे वर्ष भक्तों को आकर्षित करता है। मंदिर में भगवान कृष्ण की विग्रह और अन्य सांगोपांग देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थित हैं।


मथुरा का ऐतिहासिक महत्व केवल हिन्दू धर्म से ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक सेतु के रूप में भी जाना जाता है जो भारतीय इतिहास, कला, और साहित्य को एक साथ जोड़ता है। मथुरा का एक और प्रमुख धार्मिक स्थल श्रीबांके बिहारी मंदिर है जो कृष्ण भक्तों के लिए प्रमुख पुजा स्थलों में से एक है।


मथुरा का इतिहास विभिन्न शासकों, साम्राज्यों और संस्कृति के संघर्षों के साथ जुड़ा हुआ है। इसे मगध साम्राज्य, गुप्त  साम्राज्य, मुघल साम्राज्य, और ब्रिटिश शासन के कई युगों में अपनाया गया है। मथुरा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर आज भी इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाए रखता है।


इस प्रकार, मथुरा का इतिहास एक उदाहरण है जो धार्मिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय सभ्यता को बचाए रखने में सक्रिय रूप से योगदान करता है। भगवान कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में, मथुरा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में आज भी अपनी महत्वपूर्णता बनाए रखता है।

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